Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
UncategorizedVIDEO- Bole India
Trending

Rajasthan: मनखेरा गांव जहां भाभी को सभी देवरों के साथ शारीरिक संबंध बनाने पड़ते हैं

Story Highlights
  • बहुपति  शब्द सुनते ही जो सब से पहला नाम हामरे और आप के जेहन में आता  है, वो है  द्रौपदी का जो “महाभारत” की बहुचर्चित पात्र है, जिसमें द्रौपदी के पांच पति थे।

 राजस्थान Rajasthan मनखेरा गांव Mankhera Village जहां भाभी को सभी देवरों के साथ शारीरिक संबंध Physical Relation बनाने पड़ते हैं

Bole India बोले इंडिया के एक और नए विडियो में आप सब का स्वागत है.  दोस्तों आप जानते हैं कि भारत ऐसा देश है जहां आज भी हज़ारों वर्ष पुराने अनेकों परम्पराएं. रिती रिवाज तथा प्रथाएं देखने को मिलती हैं, जिस के बारे में जान कर यकीन नहीं होता.

दो चार दिन पहले  मेरी नज़र एक खबर पर पड़ी जिस में एक गाँव के बारे में यह लिखा था की वहां  आज भी भाभी को अपने देवरों के साथ न चाहते हुए भी शारीरिक संबंध बनाने पड़ते हैं. खबर ज़रा अजीब सी थी. यकीन नहीं हो रहा था, फिर मैं ने गूगल करना शुरू किया, और दो तीन दिन लगातार रिसर्च करने के बाद हमें पता चला की बहु पती प्रथा का पालन आज भी देश के कई राज्यों के अलग अलग जिलों और कस्बों में कुछ ख़ास  जातियों में किया जाता है.  उस के बाद मैं ने उन राज्यों में अपने कुछ पत्रकार मित्रों से बात किया  और जब यह पता चला की यह सही है. तब मैं ने आज इस विडियो को बनाने का फैसला किया. दोस्तों आज का यह विडियो बहुत इंट्रेस्टिंग है इस लिए आप तो इसे अंत तक देखिएय्गा और दोस्तों में शेयर भी कीजिएगा.

दोस्तों आगे बढने से पहले आप को याद दिला दें की अगर आप मेरे चैनल में नए आये हैं तो चैनल को फ़ौरन सब्सक्राईब कर लीजिये और लाल बटन ज़रूर  दबाईएगा.

दोस्तों जैसा की आप को मैं ने बताया की मैं ने एक खबर पढ़ी की भारत के ही एक राज्य के एक गाँव में भाभी को अपने देवरों  के साथ न चाहते हुए भी शारीरिक संबंध बनाना पड़ता है. ……

लेकिन उस से पहले हम हल्का सा नज़र डालते हैं महाभारत की कथा पर क्योंकि बहुपति  शब्द सुनते ही जो सब से पहला नाम हामरे और आप के जेहन में आता  है, वो है  द्रौपदी का जो “महाभारत” की बहुचर्चित पात्र है, जिसमें द्रौपदी के पांच पति थे।

महाभारत की   कथा के अनुसार अज्ञातवास के समय जब पांडवो ने ब्राह्मणों का रूप लिया था तो जो भी वस्तु वे भिक्षा में प्राप्त करते थे, उसे  माता कुंती पांचो भाईयों में बराबर बांट देती थी। एक दिन जब अर्जुन स्वयंवर से द्रौपदी से विवाह कर के लौटे तो कुटिया के बाहर से ही मां को आवाज लगा के बोले   “देखो मां आज मैं  किसे लाया हुं? ”  घर के कार्यों में व्यस्त होने के कारण कुंती ने जवाब दिया कि “जो भी है पांचो भाई आपस में बांट दो ”। इस प्रकार मां के कथन का पालन करते हुए द्रौपदी की शादी पांचो पांडवो से हो गई।  पर इस सवाल का तार्किक जवाब आज भी नहीं मिलता कि द्रोपदी को पाँच पतियों का अभिशाप क्यों झेलना पड़ा?

मैं हमेशा ही इसे एक कहानी की तरह मानता था, लेकिन अभी रिसर्च के दौरान मुझे पता चला हिमाचल प्रदेश और  उत्तराखंड में चीन से सटे सीमाई इलाकों के पहाडीयों में आज भी इस बहुत पति प्रथा का चलन है. जब मैं ने इस के बारे में अपने एक पत्रकार मित्र को फोन किया जो शिमला में रहते है और उन से इस प्रथा के बारे में पूछा तो पता चला की हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले कुछ कस्बों में बहु पती प्रथा का चलन अभी भी है. .

तो चलिए पहले बात कर लेते हैं हिमाचल प्रदेश की. उस के बाद मैं उस राज्य में चलूँगा जहां भाभी को अपने देवरों के साथ न चाहते हुए भी शारीरिक संबंध बनाने पडते हैं, और जहां से मैं इस विषय पर रिसर्च शुरू किया  .

सबसे ज्यादा ये प्रथा हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में देखने को मिलती है। इस प्रथा को यहां की भाषा में घोटुल प्रथा कहते हैं। सदियों पुरानी इस प्रथा के चलते सभी भाई एक साथ एक लड़की से शादी करते हैं। इस रि‍वाज को लेकर जो मान्यता है वह पाण्डव और द्रोपदी से जुड़ी है। मान्‍यता है कि महाभारत काल के दौरान पांडवों ने द्रौपदी और मां कुंती के साथ अज्ञातवास के कुछ पल किन्नौर जिले की गुफाओं में बि‍ताए थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रथा के अनुसार लडकी की शादी एक परिवार  के सभी भाइयों से की जाती है और  सभी पति बारी बारी से पत्नी के साथ समय गुजारते हैं. आमतौर पर कोई शिकायत सामने नहीं आती. यहां की महिलाएं भी खुशी-खुशी इस परंपरा को स्वीकार करती हैं. अगर किसी महिला के कई पतियों में से किसी एक की मौत भी हो जाए तो भी महिला को दुख नहीं मनाने दिया जाता.

टोपी बताती है कि कोई भाई है इस समय पत्नी के साथ

शादी के बाद भाइयों के बीच विवाहित जीवन को लेकर एक सहमति बन जाती है. एक टोपी उसमें खासा अहम रोल निभाती है. अगर किसी परिवार में चार भाई हैं. सभी का विवाह एक ही महिला से हुआ है. ऐसी स्थिति में अगर कोई भाई महिला के साथ कमरे में है तो वो बाहर दरवाजे पर अपनी टोपी रख देता है. इससे मालूम हो जाता है कि कोई भाई अंदर है. तब कोई दूसरा भाई उस कमरे में दाखिल नहीं होता है .

रिपोर्ट में बतया गया है कि इस प्रथा को मानने वालों लोगों का कहना है कि ऐसी शादियों से संपति और दौलत संबंधी झगड़े टाले जा सकते हैं और तो और कुछ लोग इसे आबादी नियंत्रित करने का जरिया भी मानते हैं। बहुपति प्रथा को जीने वाली महिलाएं स्वयं को अधिक सुखी, और  सुरक्षित अनुभव करती हैं । उन्हे पति की मृत्यु के पश्चात भी विधवा होने के दंश को नहीं झेलना पडता। वे शेष जीवन सुखी सुहागिन के रूप में ही जीती हैं।

तो यह बातें तो हिमाचल प्रदेश थीं जहां  बहु पती प्रथा का चलन आज भी है और कहीं न कहीं इस का कनेक्शन  महाभारत के समय से मिलता है .

लेकिन दूसरा जो राज्य है वोह है राजस्थान , राजस्थान के अलवर जिले में एक गाँव पड़ता है जिसका नाम मनखेरा है। यह अलवर से लगभग 66 किलोमीटर दूर पड़ता है। इस गाँव में अगर कोई 2 या तीन भाई है तो सिर्फ एक बड़े भाई की शादी कर दी जाती है और बाकि छोटे भाई भी उसी बड़े भाई की पत्नी के साथ ही शारीरिक संबंध बनाते हैं। और वोह महिला यानी सब से बडे भाई की पत्नी चाहकर भी इस अनुचित रिश्ते का विरोध नहीं कर पाती। अगर वह इस अनुचित रिश्ते का विरोध करना चाहे तो उसे प्रताड़ित किया जाता है।

मनखेरा गाँव में क्यों शुरू हुई यह परंपरा ?

रिसर्च के दौरान जो मुझे पढने को मिला उस के अनुसार  मनखेरा गाँव में इस प्रथा का कनेक्शन महाभारत के समय से नहीं मिलता है.  दरअसल मनखेरा गाँव की आमदनी का मुख्य स्रोत खेती है। यहाँ के किसानों के खेत छोटे बड़े टुकड़ों में बंटे हुए हैं। परिवार बढ़ने के साथ भाइयों के बीच बंटवारे होने पर खेतों के और भी छोटे छोटे टुकड़े हो जाते हैं। खेतों के और ज्यादे छोटे टुकड़े न हों इसलिए मनखेरा गाँव के पूर्वजों ने इस प्रथा की शुरुआत की थी।

अब एक ही भाई की पत्नी पर सभी भाइयों के निर्भर रहने से परिवार भी ज्यादा बड़ा नहीं होता है और बाद में भाइयों के बीच जमीन बंटवारे की नौबत भी नहीं आती है। ऐसा इसलिए भी कि सभी बच्चों की माँ एक ही होती है और सभी भाइयों का उन बच्चों पर सम्मान अधीकार होता है। हां, पिता की जगह बड़े भाई का नाम लिखा जाता है।

सरकार ने इस गाँव में एक सर्वे भी करवया था जिस से एक दूसरा कारण भी निकल कर आया और वः यह है  कि मनखेरा गाँव और आस-पास के क्षेत्रों में स्त्री पुरुष के लिंगानुपात में भी बहुत अंतर है। वहां लड़कों का जन्मदर लड़कियों से ज्यादे है, जिसका मुख्य कारण लड़कियों की भ्रूण-हत्या है। लड़कियों की संख्या कम होने की वजह से वहां के कुछ लड़के कुंवारे ही रह जाते थे। इसलिए वहां के पूर्वजों ने बहुत सोच विचारकर इस प्रथा की शुरुआत की जिससे एक तीर से कई निशाने साधे गए।

मनखेरा गाँव की विवाहित औरतों की नजर में इस प्रथा का महत्व

वैसे तो कोई भी औरत सिर्फ एक ही पति चाहती है लेकिन मनखेरा गाँव की इन्हीं सब परिस्थितियों को देखते हुए वे खुद को इस प्रथा के अनुसार ढाल चुकी हैं।

इस रिश्ते से उन्हें यह फायदा मिलता है कि सभी भाई मिलकर उस अकेली औरत की देख भाल करते हैं। परिवार में उसी औरत की ज्यादे चलती है और सभी भाई उसकी बात भी मानते हैं।

दोस्तों यह थी बहुपती प्रथा जिस का चलन आज भी भारत के कई इलाकों में है. वैसे मैं दो जगहों के बारे आप को बताया है लेकिन और भी कई इलाके हैं जहां इस  प्रथा का चलन है.

दोस्तों अब सोचने वाली बात यह है कि,आज हम  21वीं सदी में जी रहे हैं, हम पुरुष और महिलाओं के बीच भेदभाव न करने की बात कहते हैं ,  देश में महिलाओं की रक्षा के लिए कई कानून बनाए गए हैं उस के बाद भी मंखेरा गाँव में  सिर्फ जमीन का बंटवारा होने से बचाने के लिए एक भाई शादी नहीं करके अपने ही भाभी से जबरदस्‍ती शा‍रीरिक संबंध बनाता है. ….. कारण चाहे जो भी हो  दो गज ज़मीन का या फिर लिंगानुपात का , क्या इस तरह की प्रथा का चलन आज के इस कम्पूटर युग में जारी रहना चाहिए….  आप किया सोचते हैं अपनी राय कमेंट बॉक्स में जा कर ज़रूर दीजिएय्गा.

जाने से पहले आप से एक रिक्वेस्ट,  जल्दी से इस विडियो को लाईक कर दीजिये, दोस्तों में शेयर कीजिये और चैनल को सब्सक्राईब कर लीजिये.  अगर आप मेरे चैनल का मेम्बरशिप लेना चाहते हैं तो ज्वाइन बटन दबा कर चैनल का मेमबर्शिप भी ले सकते हैं.

मेरे फेसबुक पेज को लाईक कीजिये और मुझे ट्विटर पर फॉलो कीजिये.

आज के इस विडियो में इतना ही , अगले विडियो में फिर मिलेंगे और बतायेंगे की इंडिया किया बोल रहा है.  तब तक के लिए नमश्कार.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button